नई दिल्ली, 12 अगस्त (CNMSPORTS)| भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कोच कृपाशंकर की अपील पर सुनवाई करते हुए उन पर लगाए गए छह साल के निलंबन को शनिवार को वापस ले लिया और सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया।
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डब्ल्यूएफआई ने कृपाशंकर को सोशल मीडिया पर संघ की तुलना खच्चर से करने पर छह साल का प्रतिबंध लगाया था जिसे कृपाशंकर ने डब्ल्यूएफआई की अनुशासन समिति से अपील करते हुए अपने ऊपर लगे निलंबन को वापस लेने की गुहार लगाई थी जिस पर महासंघ ने सुनवाई करते हुए 11 महीने बाद उन पर से निलंबन वापस ले लिया और उन्हें दोबारा ऐसा करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया।
डब्ल्यूएफआई ने एक पत्र में बिश्नोई से कहा, "भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की अनुशासनात्मक समिति ने आपके द्वारा किए गए निवेदन पर विचार विमर्श किया तथा आपकी उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए समिति ने आपको माफ करने का निर्णय लिया है। डब्ल्यूएफआई आशा करता है कि आप भविष्य में डब्ल्यूएफआई के खिलाफ नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेंगे तथा न ही डब्ल्यूएफआई की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास करेंगे।"
पत्र में लिखा, "डब्ल्यूएफआई हमेशा से देश में कुश्ती को बढ़ावा देने की ओर अग्रसर है। यदि आपको डब्ल्यूएफआई में कोई कमी महसूस होती है तो आप अपने विचार डब्ल्यूएफआई के सामने रख सकते हैं।"
कृपाशंकर ने 12 सितंबर 2017 को अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संघ संयुक्त विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने खेल के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, लेकिन भारतीय कुश्ती संघ ने इस सिलसिले में आधे-अधूरे और अधकचरे नियमों को लागू किया है।